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एक प्रेरणादायक सफर: रोशनी की कहानी

एक प्रेरणादायक सफर: रोशनी की कहानी


रोशनी का परिचय

प्रश्न 1: रोशनी, आप कहां से हैं और कहां रहती हैं? अपने बारे में बताइए।

उत्तर: मेरा नाम रोशनी है, और मैं प्रयागराज की झुग्गी-झोपड़ियों में पली-बढ़ी और कोइलहा बस्ती में रहती हूँ। हमारी स्थिति बेहद कठिन रही है, लेकिन मैंने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने की ठान रखी है।

प्रश्न 2: आप कहां तक पढ़ी हैं और अभी वर्तमान में क्या कर रही हैं?

उत्तर: मैंने हाल ही में परास्नातक की परीक्षा पास की है। वर्तमान में, मैं Physics Wallah में जॉब कर रही हूँ। यह मेरी मेहनत, विवेक सर के मार्गदर्शन, हेल्पिंग हैंड्स और Physics Wallah Foundation के सहयोग का नतीजा है।


संघर्ष और सफलता

प्रश्न 3: कितना मुश्किल रहा यहां तक का सफर?

उत्तर: हमारा सफर बहुत ही कठिन रहा। मैं ऐसी बस्ती से आती हूँ जहाँ १५-१७ साल में या तो लड़कियों की शादी कर दी जाती है या ज्यादा लड़के-लड़कियाँ खुद ही घर से भाग कर शादी कर लेते हैं। ऐसे में हमें घर, समाज और परिवार से शिक्षा प्राप्त करने के लड़ना पड़ा। हर कदम पर चुनौती थी, लेकिन हमने हार नहीं मानी। और 2015 में पहल के आगमन से यह सफर थोड़ा आसान हो गया और जब पहल ने हमारी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया तो परिवार वाले भी मान गए।

प्रश्न 4: झुग्गी झोपड़ी में रहते हुए तथा अभी जॉब करते हुए क्या अंतर महसूस करती हैं?

उत्तर: झुग्गी-झोपड़ी में रहते हुए पढ़ाई करना बहुत मुश्किल था। और मेरी लड़की होना और दिव्यांग होना इसे और मुश्किल बनाना देता है। हमारा जीवन स्तर बस्ती में बहुत निम्न स्तर का है, वहां के लोग उसके प्रकार की बुराई में लिप्त हैं। पर हम शिक्षा के माध्यम से कुछ अलग करना चाहते थे। जब मैंने नौकरी करना शुरू किया, और बस्ती के बाहर के लोगों से मिली तो लगा कि बाहरी दुनिया में शिक्षित लोग कितनी गरिमा और खूबसूरती से जीवन जीते हैं। यह अनुभव बहुत प्रेरणादायक था।


एक पहल शिक्षा समिति से जुड़ाव

प्रश्न 5: आप एक पहल शिक्षा समिति की कोर कमिटी की सदस्य कैसे बनीं?

उत्तर: मैं कक्षा 9 से एक पहल से जुड़ी हूँ और अपने छोटे भाई-बहनों को शिक्षित करती रही हूँ। मेरी मेहनत और विवेक सर के आशीर्वाद का ही परिणाम है कि आज मैं एक पहल शिक्षा समिति की कोर कमिटी की सदस्य हूँ। मैं 9वीं कक्षा से एक पहल शिक्षा समिति से जुड़ी हूँ, तब विवेक सर पहली बार एक भोपू लेकर घोषणा कर रहे थे कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्यूटर की जरूरत है। वहीं से हमारा सफ़र शुरू हुआ। पहल ने तब से हमारी पढ़ाई से लेकर नौकरी दिलाने तक हमारा सहयोग किया है और तब से बाल शिक्षक के तौर पर अपनी बस्ती के छोटे भाई-बहनों को शिक्षित करती रही हूँ। मेरी मेहनत और लगन को देखकर विवेक सर ने एक पहल शिक्षा समिति की कोर कमेटी की सदस्य जैसा पदभार मुझे दिया ।

प्रश्न 6: अब आप एक पहल शिक्षा समिति में हर महीने कुछ सहयोग करती हैं, ऐसा क्यों?

उत्तर: कक्षा 9 से लेकर अब तक मेरी सभी शैक्षिक जरूरतें पहल द्वारा विवेक सर ने पूरी की हैं। आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसका सारा श्रेय विवेक सर और एक पहल को जाता है। एक पहल मेरा परिवार है, और परिवार का सहयोग करना मेरा कर्तव्य है। मैं चाहती हूँ कि जैसे मैं अपने जीवन में आगे बढ़ रही हूँ वैसे ही मेरे छोटे भाई-बहन भी आगे बढ़ें और अपने सपने को पूरा करें, इसलिए जब मुझे सैलरी मिलने लगी तो मैंने पहल को थोड़ा सहयोग करना शुरू किया।


विवेक सर का प्रभाव

प्रश्न 7: विवेक सर पढ़ाने में कितना सख्त हैं? कोई घटना जो आपको याद हो उसके बारे में बताइए।

उत्तर: विवेक सर दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षक हैं। उन्होंने कभी भी पढ़ाई में लापरवाही नहीं होने दी। एक बार, जब मैं गाँव में शादी में जाने के लिए छुट्टी मांगने गई, तो सर ने शर्त रखी कि मुझे B.Ed Entrance Exam की बुक पूरी करके आनी होगी। मैं इतनी डरी हुई थी कि पूरी शादी में बाकी लोग एंजॉय कर रहे थे और मैं खाली जगह देखकर पढ़ रही थी। सर का यह सख्त रवैया हमें शिक्षा के प्रति गंभीर बनाता है।


एक पहल का योगदान

प्रश्न 8: आपके अब तक के इस सफर में एक पहल शिक्षा समिति का क्या योगदान रहा है?

उत्तर: कक्षा 9वीं से लेकर आज तक, मेरे सफर में हर कदम पर विवेक सर और एक पहल का सहयोग रहा है। हमारी हर जरूरत - ड्रेस, स्कूल की फीस, कॉलेज की फीस - सब कुछ एक पहल के सहयोग से ही पूरा हुआ है। मैं जो कुछ भी बन पाई हूँ, वह विवेक सर और एक पहल के समर्थन से ही संभव हो पाया है।

प्रश्न 9: एक पहल शिक्षा समिति के बारे में आप क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर: एक पहल शिक्षा समिति दुनिया की सबसे अद्भुत संस्था है। यहाँ बच्चों को न केवल पढ़ाया जाता है, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी किया जाता है। यह संस्था बच्चों को जुआ, ताश, कंचा, और गाली से दूर रखकर शिक्षा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। संस्था में बच्चों को न केवल पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें नैतिक शिक्षा, नेतृत्व क्षमता, और सामाजिक जिम्मेदारियों के बारे में भी सिखाया जाता है। एक पहल का उद्देश्य बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास को सुनिश्चित करना है, ताकि वे समाज में एक बेहतर और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। विवेक सर और उनकी टीम का समर्पण और प्रयास इस संस्था को विशेष बनाते हैं। उनकी मेहनत और बच्चों के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने कई जीवन बदल दिए हैं।


बस्ती के लोगों के लिए संदेश

प्रश्न 10: बस्ती के लोगों को अपनी तरफ से क्या कहना चाहती हो?

उत्तर: मैं अपने बस्ती के लोगों से कहना चाहती हूँ कि वे अपने बच्चों को पढ़ने भेजें और उन्हें पढ़ाई में सहयोग करें। शिक्षा उनके जीवन को बेहतर बना सकती है और वे भी एक दिन आपका नाम रोशन कर सकते हैं।


Helping Hands के लिए संदेश

प्रश्न 11: Helping Hands को आप क्या कहेंगी?

उत्तर: हमारे Helping Hands को मेरा सादर नमन। आप सबके सहयोग से ही हम बच्चे शिक्षित हो रहे हैं। आपका प्रेम और स्नेह हमें प्रेरित करता है। कृपया अपना सहयोग बनाए रखें ताकि हम अपने सपनों को पूरा कर सकें और एक पहल को और भी ऐसी जगहों तक पहुँचा सकें जहाँ झुग्गी-झोपड़ी के बच्चे इंतजार कर रहे हैं। हम आपके सहयोग के लिए सदैव आभारी रहेंगे।

प्रश्न 12: समाज के अन्य व्यक्तियों से एक पहल शिक्षा समिति को सहयोग करने के लिए क्या कहना चाहती हैं?

उत्तर: मैं समाज के सभी लोगों से कहना चाहती हूँ कि वे एक पहल का समर्थन करें। यह संस्था उन बच्चों तक शिक्षा पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है जो इसकी सबसे ज्यादा जरूरत रखते हैं। आपके सहयोग से हम और भी बच्चों के जीवन में शिक्षा की रोशनी ला सकते हैं। आपका समर्थन न केवल बच्चों की शिक्षा में मदद करेगा, बल्कि उनके संपूर्ण विकास और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। आपका सहयोग इन बच्चों के जीवन में बदलाव ला सकता है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का अवसर प्रदान कर सकता है। आइए, हम सब मिलकर इस पहल को सफल बनाएं और एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दें।


रोशनी की यह कहानी न केवल संघर्ष और सफलता की दास्तान है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। एक पहल शिक्षा समिति और विवेक सर जैसे समर्पित व्यक्तियों का योगदान रोशनी और अन्य बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। यह कहानी दिखाती है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। एक पहल शिक्षा समिति, सभी सहयोगियो और विशेष रूप से, PW फाउंडेशन और अलख सर का आभार व्यक्त करती है। आज आप सबके सहयोग से एक पहल 24 केंद्रों में 1000+ बच्चों को पढ़ा रही है | बच्चों की सारी जरूरतें और उन्हें पढ़ने के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं मिल रही हैं बच्चे कंप्यूटर सीख रहे हैं और अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं यह सब आप सबके सहयोग से संभव हो पाया है | जिस तरह रोशनी के परिवार ने उनके भविष्य में 15 वर्ष में किसी दूसरी बस्ती में अनपढ़ के साथ शादी लिखी थी, पर रोशनी ने उसे अपनी लगन, मेहनत और सही मार्गदर्शन से बदल दिया है, ऐसे ही बहुत से बच्चों ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं । पहल ऐसे और बच्चों की कहानी आपके सामने लाती रहेगी, तब तक के लिए….

 नमस्कार,